किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ Devotees who chant these verses with intensive enjoy become prosperous from the gr
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ Devotees who chant these verses with intensive enjoy become prosperous from the gr